532_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
सात
समंदर की मसि
करौं, लेखनी
सब वनराई।
धरती
सब कागद करौं, गुरु गुन
लिखा न जाई।।
"सातों
महासागरों की
स्याही बना दी
जाय, पृथ्वी
के सभी वनों
की लेखनी (कलम)
बना दी जाये
और संपूर्ण
पृथ्वी को कागज
बना दिया जाय
फिर भी गुरु
के गुणगान
नहीं लिखे जा
सकते।"
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