Monday, 14 May 2012

507_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

सदा सम रहने की तपस्या के आगे बाकी की सब तपस्याएँ छोटी हो जाती हैं। सदा प्रसन्न रहने की कुंजी के आगे बाकी की सब कुंजियाँ छोटी हो जाती हैं। आत्मज्ञान के आगे और सब ज्ञान छोटे रह जाते हैं। इसलिए दुनिया में हर इज्जत वाले से ब्रह्मवेत्ता की ऊँची इज्जत होती है।
Pujya Asharam Ji Bapu 

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