Saturday, 12 May 2012

497_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

क्यों ठीक है न.... ? करोगे न हिम्मत ? कमर कसोगे ..... ? वीर बनोगे कि नहीं....? आखिरी सत्य तक पहुँचोगे कि नहीं? उठो.... उठो.... शाबाश.... हिम्मत करो। मंजिल पास में ही है। मंजिल दूर नहीं है। अटपटी जरूर है। झटपट समझ में नहीं आती परन्तु याज्ञवल्क्य, शुकदेव, अष्टावक्र जैसे कोई महापुरुष मिल जायें और समझ में आ जा तो जीवन और जन्म-मृत्यु की सारी खटपट मिट जाय।
आनन्द ! आनन्द !! आनन्द !!!
Pujya Asharam Ji Bapu 

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