Thursday, 26 April 2012

422_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

काम सताता हो तो भगवान नृसिंह का चिन्तन करने से काम से रक्षा होती है। नृसिंह भगवान ने कामना के पुतले हिरण्यकशिपु को चीर डाला था। भगवान के उग्र रूप का स्मरण-चिन्तन करने से कामावेग शांत हो जाता है।
अनुष्ठान से पहले "यौवन सुरक्षा" पुस्तक का गहन अध्ययन कर लेना बड़ा हितकारी होगा। ब्रह्मचर्यरक्षा के लिए एक मंत्र भी हैः
ॐ नमो भगवते महाबले पराक्रमाय मनोभिलाषितं मनः स्तंभ कुरु कुरु स्वाहा।
रोज दूध में निहार कर 21 बार इस मंत्र का जप करें और दूध पी लें। इससे ब्रह्मचर्य की रक्षा होती है। स्वभाव में आत्मसात् कर लेने जैसा यह नियम है।
Pujya Asharam Ji Bapu 

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