Thursday, 22 March 2012

335_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

डरपोक होकर जिये तो क्या जिये ? मूर्ख होकर जिये तो क्या जिये ? भोगी होकर जिये तो क्या खाक जिये ? योगी होकर जियो। ब्रह्मवेत्ता होकर जियो। ईश्वर के साथ खेलते हुए जियो।

Pujya Asharam Ji Bapu 

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