Wednesday, 7 March 2012
282_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
खोज करें कि आप कौन हैं
?
यह जगत क्या है
?
ईश्वर क्या है
?
सत्य क्या है
?
मिथ्या क्या है
?
इन समस्याओं का सच्चा भेद
ह्रदय
में खुलेगा तब पता चलेगा कि जगत जैसा तो कुछ है ही नहीं । सर्वत्र आप स्वयं ही
ब्रह्मस्वरुप
में व्याप्त हैं ।
Pujya asharam ji bapu
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