Thursday, 23 February 2012

250_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

वृति यदि आत्मस्वरूप में लीन होती है तो उसे सत्संग, स्वाध्याय या अन्य किसी भी काम के लिये बाहर नहीं लाना चहिये
Pujya asharam ji bapu

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.