Friday, 10 February 2012
212_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
सामवेद का छान्दोग्य उपनिषद् कहता है कि जिस आनंद को तू खोज रहा है वह आनंद तू ही है।
तत्त्वमसि।
वह तू है।
सो प्रभ दूर नहीं... प्रभ तू है।
सो साहेब सद सदा हजूरे।
अन्धा जानत ता को दूरे।।
Pujya asharam ji bapu
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