203_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU
कभी न छूटे पिण्ड दुःखों से।
जिसे ब्रह्म का ज्ञान नहीं।।
एक दुःख नहीं, हजार दुःख मिटा दो, फिर भी कोई न कोई दुःख रह जाता है। जब प्राप्ति होती है, तब हजार विघ्न आ जायें फिर भी उद्विग्न नहीं करते, सुख में स्पृहा नहीं कराते।
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