Tuesday, 31 January 2012

182_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

".....मनुष्य जैसा सोचता है वैसा हो जाता है। मन कल्पतरू है। अतः सुषुप्त दिव्यता को, दिव्य साधना से जगाओ। अपने में दिव्य विचार भरो।"
Pujya asharam ji bapu 

No comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.