Sunday, 29 January 2012

178_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

साधू संग संसार में, दुर्लभ मनुष्य शरीर
सत्संग सवित तत्व है, त्रिविध ताप की पीर।।|

मानव-देह मिलना दुर्लभ है और मिल भी जाय तो आधिदैविक, आधिभौतिक और आध्यात्मिक ये तीन ताप मनुष्य को तपाते रहते है किंतु मनुष्य-देह में भी पवित्रता हो, सच्चाई हो, शुद्धता हो और साधु-संग मिल जाय तो ये त्रिविध ताप मिट जाते हैं

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