Wednesday, 11 January 2012

127_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

सत्संग से हमें वह रास्ता मिलता है, जिससे हमारा तो उद्धार हो जाता है, हमारे इक्कीस कुल भी तर जाते हैं।
बिनु सत्संग न हरिकथा ते बिन मोह न भाग।
मोह गये बिनु राम पद, होवहिं न दृढ़ अनुराग।।
Pujya asharam ji bapu

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