Saturday, 31 December 2011

90_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

धन में, वैभव में और बाह्य वस्तुओं में एक आदमी दूसरे आदमी की पूरी बराबरी नहीं कर सकता। जो रूप, लावण्य, पुत्र, परिवार, पत्नी आदि एक व्यक्ति को है वैसे का वैसा, उतना ही दूसरे को नहीं मिल सकता। लेकिन परमात्मा जो वशिष्ठजी को मिले है, जो कबीर को मिले हैं, जो रामकृष्ण को मिले हैं, जो धन्ना जाट को मिले हैं, जो राजा जनक को मिले हैं वे ही परमात्मा सब व्यक्ति को मिल सकते हैं। शर्त यह है कि परमात्मा को पाने की इच्छा तीव्र होनी चाहिए।
 Pujya asharam ji bapu

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