ज्ञानी पुरुष को स्वप्नावस्था में भी 'जगत सच्चा है' ऐसी भूल नहीं होती।
संसार में जितनी वस्तुएँ प्रत्यक्ष में घबराने वाली मालूम होती हैं, वास्तव में तेरी प्रफुल्लता और आनन्द के लिए ही प्रकृति ने तैयार की हैं। उनसे डरने से क्या लाभ? तेरी ही मूर्खता तुझे चक्कर में डालती है, नहीं तो तुझे कोई नीचा दिखाने वाला है ही नहीं। यह पक्का निश्चय रख कि संसार तेरे ही आत्मदेव का सारा विलास है। संसार का कोई भी पदार्थ तुझे वास्तव में दुःख नहीं दे सकता है।Pujya asharam ji bapu
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