Monday, 19 December 2011

58_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

एक सामान्य व्यक्ति जब दुर्बल जीवन-शक्ति वाले लोगों के संपर्क में आत है तो उसकी जीवनशक्ति कम होती है और अपने से विकसित जीवन-शक्तिवाले के संपर्क से उसकी जीवनशक्ति बढ़ती है। कोई व्यक्ति अपनी जीवन-शक्ति का विकास करे तो उसके सम्पर्क में आने वाले लोगों की जीवन-शक्ति भी बढ़ती है और वह अपनी जीवन-शक्ति का ह्रास कर बैठे तो और लोगों के लिए भी समस्या खड़ी कर देता है।

तिरस्कार व निन्दा के शब्द बोलने वाले की शक्ति का ह्रास होता है। उत्साहवर्धक प्रेमयुक्त वचन बोलने वाले की जीवनशक्ति बढ़ती है।

यदि हमारी जीवन-शक्ति दुर्बल होगी तो चेपी रोग की तरह आसपास के वातावरण में से हलके भाव, निम्न कोटि के विचार हमारे चित्त पर प्रभाव डालते रहेंगे।
Pujya asharam ji bapu :-

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