Saturday, 15 October 2011

रात्रि में निद्राधीन होने से पहले बिस्तर पर सीधे, सुखपूर्वक बैठ जाओ | आँखें बंद करो | नाक से श्वास लेकर फ़ेफ़ड़ों को भरपूर भर दो | फ़िर उच्च स्वर से …’ का लंबा उच्चारण करो | फ़िर से गहरा स्वास लेकर …’ का लंबा उच्चारण करो | इस प्रकार दस मिनट तक करो | कुछ ही दिनों के नियमित प्रयोग के बाद इसके चमत्कार का अनुभव होगा | रात्रि की नींद साधना में परिणत हो जायेगी | दिल-दिमाग में शांति एवं आनंद की वर्षा होगी | आपकी लौकिक निद्रा योगनिद्रा में बदल जयेगी |
प्रातः स्मरणीय परम पूज्य  संत श्री आसारामजी बापू   :-

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