Thursday, 13 October 2011
Pujya asaram ji bapu (प्रातःस्मरणीय पूज्यपाद संत श्री आसारामजी बापू)
ईश्वर को पाने के लिए
कोई मजदूरी नहीं करनी पड़ती,
सिर्फ कला समझनी पड़ती है।
मुक्ति के लिए
कोई ज्यादा मेहनत नहीं है।
नश्वर का सदुपयोग और
शाश्वत में प्रीति – ये दो ही
छोटे से काम हैं।
प्रातः
स्मरणीय
परम पूज्य
संत
श्री
आसारामजी
बापू
:-
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