Sunday, 30 April 2017
1597-Pujya Asaram Bapu Ji | भगवान की कृपा
भगवान की कृपा | Bapu ji
जिसपर भगवान की कृपा होती है, उसको दुनिया से ऐसा थपेड़ा
मिलता है कि फिर वह उसकी ओर मुँह नहीं करता।
Saturday, 29 April 2017
1596-Pujya Asaram Bapu Ji | | सत्य की तलाश
सत्य की तलाश - Bapu ji
जबतक लेषमात्र भी संसार सुखरूप, सत्यरूप और सुन्दर मालूम होता है, तबतक समझना चाहिये
कि अभी इस अभागे मन में सत्यकी तलास नहीं हुई।
Monday, 24 April 2017
1595-Pujya Asaram Bapu Ji | सदा प्रसन्न रहो
सदा प्रसन्न रहो | Bapu ji
निरन्तर अखण्ड प्रसन्न रहनेका स्वभाव बनाओ। ज्यों ज्यों प्रसन्नता बढ़ती जायगी, प्रतिकूलता
लज्जित होकर हटती जायगी।
Saturday, 22 April 2017
1594- Pujya Asaram Bapu Ji | महा कल्याणकारी निःसंकल्प दसा
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महा कल्याणकारी निःसंकल्प दसा | Bapu Ji
अशुभ संकल्प की अपेक्षा शुभ संकल्प अधिक आदरणीय है | किन्तु निःसंकल्पता के सामने शुभ संकल्प
कुछ भी मूल्य नहीं रखता।
Saturday, 15 April 2017
1593 - Pujya Asaram Bapu Ji | जड़ता व सजगता
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जड़ता व सजगता | Bapuji
असत की ममता के समान और कोई जड़ता नहीं है, और सत की जिज्ञासाके तुल्य और कोई सजगता नहीं है।
Tuesday, 11 April 2017
1592-Pujya Asaram Bapu Ji | कण-कण में भगवान
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कण-कण में भगवान | Bapu ji
परमात्मा को ‘अभी’ न मानना बड़ी भारी भूल
होगी,‘अपना’ न मानना उससे बड़ी भूल होगी,
और‘अपने में’ न मानना सबसे बड़ी भूल होगी।
Sunday, 9 April 2017
1591-Pujya Asaram Bapu Ji | असंगता का वास्तविक अर्थ
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असंगता का वास्तविक अर्थ | Bapu ji
और सब कुछ देखना छोड़ दो, भगवान् दीख जायँगे।......सब कुछ देखना छोड़ने का अर्थ आँखें
बन्द कर लेना नहीं है। इसका अर्थ है देखनेमें रुचि न लेना, संसारसे पूर्ण असंगता।
Saturday, 8 April 2017
1590-Pujya Asaram Bapu Ji | बस तू ही तू मेरे प्रभु ..बस तू ही तू
बस तू ही तू मेरे प्रभु ..बस तू ही तू | Bapu ji
तुम्हारे अंतर्यामी प्रभु सदैव तुम्हीं में हैं, तुम्हें देख रहे हैं। वे कभी भी तुम्हें अपनी आँख से ओझल नहीं
करते। तुम भी अपनी दृष्टि में किसी और को स्वीकार न करो। बस, और कुछ करना शेष नहीं है।
Monday, 3 April 2017
1589-Pujya Asaram Bapu Ji | यह भी बित जायेगा
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यह भी बित जायेगा | Bapu Ji
‘सुख’ सेवाके लिये है, उपभोगके लिये नहीं और ‘दुःख’ विवेकका आदर करनेके लिये है, भयभीत
होनेके लिये नहीं।
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