Friday, 12 June 2015

1298_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



प्रिय आत्मन ! न तेरा पहले जन्म था न वर्त्तमान में है और न आगे होगा। यदि क्षणमात्र के लिए अपने आसन से हटेगा, अपने आपको स्वरूप में स्थित न मानेगा, प्रमाद करेगा तो वही प्रमाद विस्तीर्ण जगत हो भासेगा।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday, 10 June 2015

1297_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

गुरु की
सीख माने वह शिष्य है।
अपने मन में जो आता है, वह तो
अज्ञानी, पामर, कुत्ता, गधा भी
युगों से करता आया है। आप तो
गुरुमुख बनिये,
शिष्य बनिये।

-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu