Saturday, 31 May 2014

1217_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



जब तुम्हारा देह, मन, बुद्धि, विचार सहित यह सम्पूर्ण जगत तुम्हारी प्रज्ञा में स्वप्नमय सिद्ध हो जायेगा तब तुम्हारे तमाम दुःखों का अन्त हो जायेगा।
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Friday, 30 May 2014

1216_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



लोग जल्दी से उन्नति क्यों नहीं करते ?
क्योंकि बाहर के अभिप्राय एवं विचारधाराओं
का बहुत बड़ा बोझ हिमालय की तरह
उनकी पीठ पर लदा हुआ है ।
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday, 28 May 2014

1215_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

यदि आप सर्वांगपूर्ण जीवन का आनन्द लेना चाहते हो तो कल की चिन्ता छोड़ो | अपने चारों ओर जीवन के बीज बोओ | भविष्य में सुनहरे स्वपन साकार होते देखने की आदत बनाओ | सदा के लिये मन में यह बात पक्की बैठा दो कि आपका आनेवाला कल अत्यन्त प्रकाशमय, आनन्दमय एवं मधुर होगा |
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Monday, 26 May 2014

1214_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




परमात्मा की शान्ति को भंग करने का सामर्थ्य भला किसमें है ? यदि आप सचमुच परमात्म-शान्ति में स्थित हो जाओ तो समग्र संसार उलटा होकर टंग जाये फ़िर भी आपकी शान्ति भंग नहीं हो सकती |

 Who on earth has the power to disturb the tranquillity of Supreme Being? Once you become established in that Supreme peace, it can not be disturbed even if the whole world turns against you.

  -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Saturday, 24 May 2014

1213_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU

 


जब आप ईर्ष्या, द्वेष, छिद्रान्वेषण, दोषारोपण, घृणा और निन्दा के विचार किसीके प्रति भेजते हैं तब साथ-ही-साथ वैसे ही विचारों को आमंत्रित भी करते हैं | जब आप अपने भाई की आँख में तिनका भोंकते हैं तब अपनी आँख में भी आप ताड़ भोंक रहे हैं
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

1212_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



प्रसन्नमुख रहना यह मोतियों का खज़ाना देने से भी उत्तम है |
-Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday, 21 May 2014

1210_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




चाहे करोड़ों सूर्य का प्रलय हो जाये, चाहे असंख्य चन्द्रमा पिघलकर नष्ट हो जायें परंतु ज्ञानी महापुरुष अटल एवं अचल रहते हैं |
  -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Tuesday, 20 May 2014

1209_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


Rishi Prasad: A priceless treasure for your library 

Started in 1990, Rishi Prasad has now become the largest circulated spiritual monthly publication in the world with more than 10 million readers. The magazine is a digest of all thought provoking latest discourses of His Holiness Asharam Bapu on various subjects directing simple solutions for a peaceful life. The magazine also features news on happenings at various ashrams in past month, inspirational texts from scriptures/legends , practical tips for healthy day-to-day living balancing materialism by idealism, Bapuji's answers to questions raised by seekers, disciples's experiences etc
 

Monday, 19 May 2014

1208_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU


अलख पुरुष की आरसी, साधु का ही देह। लखा जो चाहे अलख को, इन्हीं में तू लख लेह।।

Friday, 16 May 2014

1207_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



"गम की अँधेरी रात मेँ , दिल को न बेकरार कर ।
 सुबह जरुर आयेगी, सुबह का इंतजार कर ।।"

1206_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



जब आप जान लेंगे कि दूसरों का हित अपना ही हित करने के बराबर है और दूसरों का अहित करना अपना ही अहित करने के बराबर है, तब आपको धर्म के स्वरूप का साक्षत्कार हो जायेगा |
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday, 14 May 2014

1204_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



गम्भीर-से-गम्भीर कठिनाइयों में भी अपना मानसिक सन्तुलन बनाये रखो। क्षुद्र अबोध जीव तुम्हारे विरूद्ध क्या कहते हैं इसकी तनिक भी परवाह मत करो। जब तुम संसार के प्रलोभनों और धमकियों से नहीं हिलते तो तुम संसार को अवश्य हिला दोगे।

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Sunday, 11 May 2014

1203_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



जो तुम्हें शरीर से, मन से, बुद्धि से दुर्बल बनाये वह पाप है। पुण्य हमेशा बलप्रद होता है। सत्य हमेशा बलप्रद होता है।

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Wednesday, 7 May 2014

1202_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU



सुख-दुःख की परिस्थितियों पर तुम्हारा कोई वश हो या न हो परन्तु सुखी-दुःखी होना तुम्हारे हाथ की बात है। तुम आनन्दस्वरूप हो। तुम्हें कौन दुःखी कर सकता है ?
 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu

Friday, 2 May 2014

1201_THOUGHTS AND QUOTES GIVEN BY PUJYA ASHARAM JI BAPU




व्यवहार जगत के तूफान तो क्या, मौत का तूफान आये उससे भी टक्कर लेने का सामर्थ्य आ जाय इसका नाम है साक्षात्कार। इसका नाम है मनुष्य जीवन की सफलता।
जरा जरा-सी बात में डर रहे हैं? जरा जरा-सी बात में सिकुड़ रहे हैं? हो होकर क्या होगा? जो भी हो गया वह देख लिया। जो हो रहा है वह देख रहे हैं। जो होगा वह भी देखा जायेगा। मूँछ पर ताव देते हुए.... भगवान को प्यार करते हुए तुम आगे बढ़ते जाओ।
निर्भय..... निर्भय.... निर्भय.... निर्भय..... निर्भय.....।

 -Pujya Sant Shri Asharam Ji Bapu